IVF उपचार के दौरान और बाद में प्रत्येक जोड़े को अधिकतम क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए ?
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January 10, 2023

IVF उपचार के दौरान और बाद में प्रत्येक जोड़े को अधिकतम क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए ?

IVF (In Vitro Fertilization) आजकल गर्भधारण में मदद करने का एक प्रमुख तरीका बन चुका है। यह प्रक्रिया उन जोड़ों के लिए वरदान साबित होती है जो प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में असमर्थ हैं। हालांकि IVF के बाद गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है, यह भी एक ऐसा सफर है जिसमें सावधानी और देखभाल की जरूरत होती है। IVF उपचार के दौरान और बाद में सही कदम उठाना बहुत जरूरी है ताकि गर्भधारण का अवसर सफल हो और इससे जुड़ी किसी भी जटिलता से बचा जा सके।

इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि IVF उपचार के दौरान और बाद में कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए, ताकि आप इस यात्रा को बिना किसी परेशानी के पूरा कर सकें। जो दंपत्ति बांझ हैं उनके लिए आईवीएफ एक बड़ी बात है। वे इस पल का इतने लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। आईवीएफ उपचार में अंतिम प्रक्रिया भ्रूण स्थानांतरण है। निश्चित रूप से, यह उन लोगों के लिए जीवन को परिभाषित करने वाला क्षण है जो इतने लंबे समय से माता-पिता बनने का इंतजार कर रहे हैं। यह महत्वपूर्ण है कि दोनों साथी उचित शारीरिक स्थिति और तंदुरूस्ती में हों।

IVF उपचार के दौरान सावधानियाँ (Precautions During IVF Treatment)

  1. हार्मोनल उपचार का पालन करें: IVF प्रक्रिया के दौरान, डॉक्टर आपको हार्मोनल दवाइयाँ देते हैं ताकि आपके अंडाणु (eggs) का सही तरीके से विकास हो सके। यह दवाइयाँ आपके ओवुलेशन को नियंत्रित करने और अंडाणु निर्माण को बढ़ावा देने के लिए होती हैं। प्रोजेस्टेरोन, ईस्ट्रोजन, और एचसीजी जैसी दवाएँ गर्भधारण के लिए आपके शरीर को तैयार करती हैं।सावधानी: इन दवाइयों को डॉक्टर द्वारा बताई गई समयसीमा और डोज़ के अनुसार ही लें। दवाइयों की खुराक में कोई बदलाव न करें, क्योंकि इससे अंडाणु का विकास और भ्रूण का इम्प्लांटेशन प्रभावित हो सकता है। समय पर दवाइयाँ लेना IVF प्रक्रिया में सफलता के लिए अत्यंत आवश्यक है।
  2. समान्य शारीरिक गतिविधियाँ: IVF प्रक्रिया के दौरान भारी शारीरिक श्रम और एक्सरसाइज से बचना चाहिए, क्योंकि यह ओवरी में खून के प्रवाह को प्रभावित कर सकता है और अंडाणु के विकास को बाधित कर सकता है। हालांकि, हल्की गतिविधियाँ जैसे कि चलना, योग, और स्ट्रेचिंग सेहतमंद होती हैं और तनाव को कम करने में मदद कर सकती हैं।सावधानी: IVF के दौरान भारी वजन उठाने से बचें और ऐसे खेल या गतिविधियाँ न करें जिनसे शरीर में चोट लगने का खतरा हो।
  3. सही आहार लें: IVF प्रक्रिया में पोषण का महत्वपूर्ण स्थान है। अच्छी सेहत और सही हार्मोनल संतुलन बनाए रखने के लिए संतुलित आहार की जरूरत होती है। अपने आहार में फ्रेश फल, हरी सब्जियाँ, प्रोटीन और विटामिन्स जैसे विटामिन E, C, D, और फोलिक एसिड को शामिल करें। यह तत्व अंडाणु के विकास और भ्रूण के सही इम्प्लांटेशन में मदद करते हैं।सावधानी: प्रोसेस्ड फूड्स, शक्कर, और ज्यादा फैटी खाद्य पदार्थों से बचें। कैफीन और शराब का सेवन भी IVF के दौरान कम से कम या बंद कर दें।
  4. स्ट्रेस से बचें: IVF की प्रक्रिया मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकती है। यह प्रक्रिया भावनात्मक तनाव, चिंता और तनाव का कारण बन सकती है। इसलिए IVF के दौरान मानसिक शांति बनाए रखना बेहद जरूरी है। आप ध्यान, योग, या किसी पसंदीदा गतिविधि में शामिल हो सकते हैं, जो आपको मानसिक शांति और आराम प्रदान करे।सावधानी: मानसिक तनाव को कम करने के लिए गहरी श्वास, ध्यान या मॉक्यात्मक कार्यों को अपनाएं। स्ट्रेस आपके हार्मोनल बैलेंस को प्रभावित कर सकता है, जिससे IVF की सफलता की संभावना कम हो सकती है।
  5. नींद पूरी करें: IVF उपचार में आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है, और इसके लिए आपको पर्याप्त नींद की आवश्यकता होती है। नींद आपके शरीर को आराम देती है और उपचार के दौरान आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है। अच्छे स्वास्थ्य और हार्मोनल संतुलन के लिए 7-8 घंटे की गहरी नींद आवश्यक है।सावधानी: मोबाइल या अन्य डिजिटल उपकरणों का अत्यधिक प्रयोग रात के समय से बचें क्योंकि यह आपके नींद चक्र को प्रभावित कर सकता है।
  6. दवाइयाँ और इन्फेक्शन से बचें: IVF प्रक्रिया के दौरान संक्रमण के खतरे से बचने के लिए पूरी सफाई का ध्यान रखें। संक्रमण को दूर करने के लिए डॉक्टर द्वारा दी गई एंटीबायोटिक दवाइयाँ लें। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि आपको कोई बुखार, सूजन, या असामान्य लक्षण न हों। अगर ऐसा महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।सावधानी: किसी भी तरह के असामान्य लक्षणों को नजरअंदाज न करें, जैसे पेट में दर्द, हल्का रक्तस्राव या अत्यधिक थकावट।

IVF के बाद सावधानियाँ (Precautions After IVF Treatment)

  1. सप्ताहों तक आराम करें: IVF उपचार के बाद आपको शारीरिक आराम की आवश्यकता होती है। डॉक्टर आमतौर पर आपको कुछ दिन पूरी तरह से आराम करने की सलाह देते हैं ताकि गर्भधारण की प्रक्रिया सही से चल सके। हालांकि हल्की गतिविधियाँ जैसे सैर कर सकते हैं, भारी शारीरिक श्रम से बचना चाहिए।सावधानी: IVF के बाद पहले कुछ सप्ताहों तक ज्यादा तनाव या शारीरिक मेहनत से बचें। बिस्तर पर ज्यादा समय बिताना आपके गर्भधारण की प्रक्रिया में सहायक हो सकता है।
  2. आहार में ध्यान रखें: IVF उपचार के बाद भी आपको संतुलित आहार की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के शुरुआती चरण में भ्रूण के सही विकास के लिए पर्याप्त पोषण और विटामिन्स की आवश्यकता होती है। प्रोटीन, फोलिक एसिड, और विटामिन D का सेवन बढ़ाएं। ये आपके और आपके बच्चे की सेहत के लिए बेहद जरूरी हैं।सावधानी: गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में ताजे फल, हरी सब्जियाँ और सही कैलोरी का सेवन करें। अनहेल्दी फैट्स और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
  3. संक्रमण से बचाव: IVF उपचार के बाद गर्भाशय की दीवार थोड़ी कमजोर हो सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टर द्वारा बताए गए एंटीबायोटिक दवाइयाँ नियमित रूप से लें और अधिक सावधानी बरतें।सावधानी: अपनी और अपने आसपास के लोगों की साफ-सफाई का ध्यान रखें, विशेष रूप से जननांग क्षेत्र की स्वच्छता।
  4. शारीरिक बदलावों पर ध्यान दें: IVF के बाद, महिलाओं को पेट में हलका दर्द, रक्तस्राव या अन्य शारीरिक बदलावों का अनुभव हो सकता है, जो सामान्य हो सकते हैं। लेकिन अगर यह लक्षण असामान्य हो या बढ़ जाएं, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। यह भ्रूण के इम्प्लांटेशन की प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है।सावधानी: किसी भी असामान्य लक्षणों जैसे भारी रक्तस्राव या गंभीर दर्द को नज़रअंदाज न करें।
  5. स्ट्रेस को कम करें: IVF के बाद भी तनाव से बचना और मानसिक शांति बनाए रखना आवश्यक है। गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में मानसिक स्थिति का भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। इसके लिए योग, गहरी श्वास और मानसिक शांति की तकनीकें मदद कर सकती हैं।सावधानी: तनाव को कम करने के लिए सकारात्मक सोच, ध्यान और मानसिक शांति को अपनाएं।
  6. अल्ट्रासाउंड और मेडिकल चेक-अप:
    IVF के बाद, नियमित चेक-अप और अल्ट्रासाउंड आवश्यक हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गर्भावस्था सही तरीके से बढ़ रही है। डॉक्टर आपकी गर्भावस्था की स्थिति की निगरानी करेंगे और अगर किसी प्रकार की समस्या आती है, तो समय रहते उसका इलाज करेंगे।सावधानी: अल्ट्रासाउंड और टेस्ट के लिए नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाएं।

Delhi-IVF आपकी मदद कैसे कर सकता है?

अगर आप IVF के दौरान या बाद में किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं या आपको बेहतर मार्गदर्शन की आवश्यकता है, तो Delhi-IVF की विशेषज्ञ टीम आपकी मदद के लिए हमेशा उपलब्ध है। हम हर जोड़े के लिए व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार करते हैं, जिससे उनकी IVF यात्रा सफल और सुरक्षित हो सके।

Delhi-IVF में हम:

  • उच्च तकनीकी विशेषज्ञता: IVF के हर पहलू में विशेषज्ञता और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हैं।
  • व्यक्तिगत उपचार: हर जोड़े के लिए एक व्यक्तिगत उपचार योजना बनाते हैं।
  • मानसिक और शारीरिक समर्थन: IVF के दौरान और बाद में मानसिक और शारीरिक रूप से आपकी सहायता करते हैं।

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